पितरों की उद्धारक है इन्दिरा एकादशी | युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र
पितरों की उद्धारक है इन्दिरा एकादशी
28 सितम्बर, 2024 शनिवार को आश्विन कृष्ण एकादशी है। श्राद्ध पक्ष में पड़ने वाली इस एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं। इस एकादशी के व्रत पूजन, दान-पुण्य से पितरों को अधोगति से मुक्ति मिलती है।
पौराणिक कथा के अनुसार सतयुग में महिष्मति नाम की एक नगरी में इंद्रसेन नामक एक राजा राज्य करता था। प्रजा का पुत्रवत पालन करने वाला वह राजा सभी प्रकार की समृद्धियों से समृद्ध एवं भगवान विष्णु का परम भक्त था। एक दिन वह सुख पूर्वक अपनी सभा में बैठा था तो आकाश मार्ग से देवर्षि नारद उतरकर उसकी सभा में आये। राजा के द्वारा उनका अतिथि सत्कार करने के उपरांत उनके आगमन का कारण पूछने पर देवर्षि नारद जी ने बताया कि पूर्वजन्म में एकादशी का व्रत भंग हो जाने के कारण राजन्! आपके पिता यमराज के निकट रहकर कष्ट पा रहे हैं। यदि आप श्राद्धपक्ष की इंदिरा एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु का नाम जप, पूजा-पाठ करें तो आपके पिता को यम यातना से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होगी । नारद जी की बात को मानकर राजा इंद्रसेन ने आश्विन कृष्ण एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु का जप, पूजन किया। इस व्रत-पूजन के प्रभाव से उसके पिता को मोक्ष की प्राप्ति हुई।
श्राद्ध पक्ष की इंदिरा एकादशी की पूजा-पाठ, यज्ञ-अनुष्ठान का घर बैठे पुण्य फल प्राप्त हो इस निमित्त परमपूज्य सद्गुरु श्रीसुधांशुजी महाराज के आशीर्वाद से ‘युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र’ द्वारा 28 सितम्बर, 2024 शनिवार को इंदिरा एकादशी के पावन पर्व पर आनंदधाम आश्रम दिल्ली में इंदिरा एकादशी की पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्रद्धालु भक्त ऑनलाइन यजमान बनकर पुण्य लाभ प्राप्त करें।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण
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