भगवान के मोहिनी स्वरूप का प्राकट्य पर्व है मोहिनी एकादशी
भगवान के मोहिनी स्वरूप का प्राकट्य पर्व है मोहिनी एकादशी
19 मई, 2024 रविवार को वैशाख शुक्ल एकादशी है। इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मोहिनी एकादशी के विधिपूर्वक व्रत-पूजन से भक्त की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में आने वाली समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश से अमृत पीने का जब देवताओं और दैत्यों में विवाद छिड़ गया तो उस विवाद को सुलझाने के लिए भगवान विष्णु ने एक सुंदर स्त्री का मोहिनी स्वरूप बनाया। भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप को देखकर दैत्य उन पर मोहित हो गये और अमृत पीने का पुरुषार्थ नहीं कर पाये। इसी बीच देवता अवसर पाकर अमृत का पान कर अमृत्व को प्राप्त हो गये । भगवान विष्णु ने जिस दिन मोहिनी स्वरूप धारण किया था उस दिन वैशाख शुक्ल एकादशी थी। इसलिए इस एकादशी पर भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा की जाती है।
भक्तों की मनोकामना पूर्ति और जीवन में आने वाली समस्याओं से मुक्ति के लिए 19 मई, 2024 रविवार को पूज्य सद्गुरुदेव श्री सुधांशु जी महाराज के आशीर्वाद से “युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र” द्वारा आयोजित पूजा-पाठ, मंत्र जाप, यज्ञ-अनुष्ठान में ऑनलाइन यजमान बनकर भक्तजन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा-अर्चना का पुण्य लाभ प्राप्त करें।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण