विघ्न विनाशक है पौष शुक्ल चतुर्थी का व्रत | युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र
वरदायी है वरद चतुर्थी का गणपति पूजन
13 फरवरी, 2024 मंगलवार को माघ शुक्ल चतुर्थी है। शुक्ल पक्ष की इस चतुर्थी को वरद चतुर्थी कहा जाता है। इस चतुर्थी पर व्रत और पूजा-पाठ करने से भगवान गणपति की कृपा से समस्त कष्ट-क्लेशों व नकारात्मकता से मुक्ति और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है। भगवान गणेश विघ्न-विनाशक और सिद्धि सफलता प्रदायक हैं। उनकी पूजा त्वरित फल देने वाली है। भगवान गणेश सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूजनीय हैं। रिद्धि-सिद्धि, सुख-समृद्धि के दाता हैं। भगवान गणेश को प्रसन्न कर उनसे मनोवांछित फल प्राप्त करने का शुभ अवसर है कार्तिक शुक्ल चतुर्थी का व्रत-पूजन।
परमपूज्य सद्गुरु श्रीसुधांशुजी महाराज के आशीर्वाद से आनन्दधाम आश्रम में युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र द्वारा 13 फरवरी, 2024 मंगलवार को वरद चतुर्थी के पुण्य पर्व पर निम्न प्रकार की पूजा-पाठ का आयोजन किया गया है।
श्रीगणेश भगवान की कृपा – प्रसन्नता और सद्गुरुजी महाराज के आशीष से समस्त संकटों से मुक्ति और सुख-समृद्धि का वरदान पाएं। वरद चतुर्थी की ऑनलाइन पूजा सम्पन्न करवाकर सुख-समृद्धि प्राप्ति का वरदान पाने के लिये आप शीघ्रातिशीघ्र सम्पर्क करें।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण