कॉलेजों में प्रवेश कर रहे छात्र-छात्रओं को पुराने छात्र-छात्रओं द्वारा रैगिंग के नाम पर असभ्य एवं अमानवीय व्यवहार करके उन्हें परेशान किया जाता था, ऐसे में कई छात्र-छात्रएं रैगिंग के डर से अपनी पढ़ाई तक छोड़ देते थे। विश्व जागृति मिशन ने कॉलेजों में हो रहे इस दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए कॉलेजों में छात्र-छात्रओं के प्रवेश के समय स्वागत की स्वस्थ परम्परा हो, सुप्रीम कोर्ट में पी-आई-एल- दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने मिशन की याचिका पर संज्ञान लेते हुए रैगिंग के विरुद्ध कानून बनाया और इसे अपराध की श्रेणी में घोषित कर कॉलेजों में रैगिंग पर रोक लगाने का आदेश दिया। विश्व जागृति मिशन ने रैगिंग के विरुद्ध पूरे भारत में अभियान चलाया और अब स्थिति नियंत्रण में है।
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भारतीय संस्कृति-हिन्दू धर्म मूल्यों के वैश्विक पुनर्जागरण के संकल्प सहित अयोध्या में दिव्य राम मंदिर निर्माण की कार्य योजना पर परम पूज्य श्रीसुधांशु जी महाराज द्वारा स्थापित ‘विश्व जागृति मिशन’ मुख्यालय आनन्दधाम, नई दिल्ली परिसर में ‘‘दो दिवसीय राष्ट्रीय संत सम्मेलन-विचार मंथन’’ सम्पन्न हुआ। विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की ओर से श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए आश्रम में 10 एवं 11 नवम्बर, 2020 की तिथियों में आयोजित संत सम्मेलन (राष्ट्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक) में ख्यातिप्राप्त विश्व प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संतों, धर्मतंत्र की प्रतिष्ठा में अहर्निश समर्पित विभिन्न प्रांतों के शंकराचार्यों, संतों-महंतों और विश्व हिन्दू परिषद, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शीर्ष पदाधिकारियों, उनके प्रमुख कार्यकर्त्ताओं ने सहभागिता की और उद्देश्य अनुरूप अपने विचार रखे।
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विश्व जागृति मिशन सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से कार्य कर रहा है जैसे, बच्चों के लिए बाल संस्कार अभियान, युवाओं के लिए युवा अभ्युदय अभियान, वृद्धों के लिए आनन्दमय जीवन संघ अभियान, महिलाओं के लिए महिला सशक्तिकरण एवं महिला उत्थान अभियान, टूटते बिखरते परिवारों के लिए परिवार जोड़ो अभियान, वृद्ध एवं वरिष्ठ जनों के सम्मान में श्रद्धापर्व अभियान।
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महाराजश्री कहतें हैं कि जिस देश में दिवंगत पूर्वजों को आदर देने की प्रथा हो उस भारत वर्ष में बच्चों के होते हुए माता-पिता और दादा-दादी वृद्धाश्रमों में रहें ये भारत और भारतीय संस्कृति का अपमान है। वृद्ध-बुजुर्ग अपने घरों में ही सम्मान से रहें। वृद्धों का अनुभव आशीष भाविष्य में पलते बढ़ते बच्चों के विकास में विशेष सहायक होता है इसलिये बच्चे अपने माता-पिता की अपने घरों में विशेष सेवा सम्मान करें और जनरेशन गैप भी समाप्त हो। वृद्धजनों की शारीरिक मानसिक और वित्तीय स्थिति ठीक बनी रहे इसके लिये विशेषज्ञों द्वारा समय-समय पर बेबीनार भी आयोजित करवाये जाते हैं। आनन्दधाम सहित विश्व जागृति मिशन के देश-विदेश की सभी केन्द्रों में श्रद्धापर्व वर्ष 1997 से प्रति वर्ष 2 अक्टूबर को प्रमुखता से मनाया जाता है। इस अवसर पर समाज व देश में श्रेष्ठ कार्य करने वाले अतिविशिष्ट वरिष्ठ नागरिकों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है।
अब तक इस पर्व पर 300 से अधिक ऐसे विशिष्ट जनों को सम्मानित किया जा चुका है। जिनमें भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ- शंकर दयाल शर्मा, आध्यात्मिक संत स्वामी कल्याण देव, लेफ्रटीनेन्ट जनरल श्री जगजीत सिंह अरोड़ा, विश्व हिन्दु परिषद के श्री अशोक सिंघल एवं आचार्य श्री गिरि राज किशोर आदि प्रमुख हैं।
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आज का युग डीजिटल युग है, सोशल मीडिया का जमाना है, इससे प्रत्येक आयुवर्ग का व्यक्ति बिना लिंगभेद के प्रभावित है। जहाँ सोशल मीडिया के माध्यम से अच्छाई का प्रसार हो रहा है वहीं बुराई उससे भी ज्यादा पांव पसार रही है। हमारी आने वाली पीढ़ी मार्ग से न भटके, जहां उसे आधुनिकता का ज्ञान हो वहीं वह सभ्य एवं संस्कारी बनें। आपकी वृद्धावस्था खुशहाल हो, बच्चों का जीवन खुशहाली भरा हो और आने वाली पीढि़यां खुशहाल रहें। इस उद्देश्य से परिवार जोड़ो अभियान की स्थापना की गई है। इस अभियान का उद्देश्य है समाज में परिवारों को वैदिक संस्कृति, संस्कार, सभ्यता एवं मूल्यवान प्राचीन परंपराओं को जोड़कर सभ्य समाज का निर्माण कर ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना हर परिवार तक पहुँचाना।
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हम जैसा अपने लिए चाहते हैं वैसा ही व्यवहार हम दूसरों के साथ भी करें। धर्म हमें जीवन जीने की कला सिखाता है। किसी को सुख पहुंचाना सबसे बड़ा धर्म है और दुःख देना अधर्म है। इस अभियान का उद्देश्य है गृहस्थों में धार्मिक चेतना स्थापित करना, पाश्चात्य संस्कृति में लिप्त जनमानस को सनातन संस्कृति से जोड़ना और राष्ट्र एवं धर्म के प्रति जागृति लाना।
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आज कच्ची उम्र में जो कुसंस्कार बच्चों को परोसे जा रहे हैं उससे एक सभ्य समाज पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है। आज बच्चा अपने पैरों पर चलना बाद में सीखता है और उसके हाथों में स्मार्ट फोन पहले आ जाता है। वह इससे इतना प्रभावित है कि स्मार्ट फोन को छोड़ना ही नहीं चाहता है। अगर उससे स्मार्ट फोन ले लिया जाये तो वह रोने लगता है। इस अभियान के तहत परिवारों में रहने वाले बच्चों के लिए संस्कार कक्षाएं, उनके प्रतिभा एवं व्यत्तिफ़त्व विकास के लिए कार्यशालाएँ खोलने का कार्य करना, बच्चों का बड़ों के प्रति आदर एवं सम्मान सिखाना और अपने लक्ष्य के प्रति जागृत करना।
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जिस देश का युवा जागृत और सक्रिय है वह देश उन्नति के शिखर पर है। सौभाग्य से हमारे देश में युवा शक्ति का संख्याबल सबसे अधिक है। लेकिन दुर्भाग्य है कि आज का युवा पथभ्रांत, आत्मगलानि से खीझता, तोड़-फोड़ और विध्वंस से दहकता, नशे की लतों में डूबता, जीवन की समस्योओं से भागता, कुण्ठाओं से भरे दोराहे पर खड़ा है, जहां उसे राह ही नजर नहीं आ रही है कि उसके लिए कौन सा रास्ता अच्छा है और कौन सी राह गलत है? आज आवश्यकता है कि युवाशक्ति को नैतिकता, संयम, अनुशासन और कर्त्तव्य बोध कराया जाय, उसके अंदर आशा-उत्साह की आग जागृत की जाय।
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परिवारों में वृद्धों के आनन्दमय जीवन के लिए आनंदमय जीवन संघ (सीनियर सिटीजन क्लब) खोलें गए हैं। इस अभियान के तहत राष्ट्र के विभिन्न कार्यों में सेवारत हजारों वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान किया जाता है और उन्हें जीवन की संध्या पर भी बचपन के प्रभात जैसा खिलता-खिलखिलाता जीवन जीने की कला सिखाई जाती है। इसमें उनके लिए स्थान-स्थान पर मंडल स्तर पर स्वास्थ्य कार्यशाला, कानूनी सलाह कार्यशाला, डाइट कार्यशाला तथा नेत्र जांच शिविर आदि का आयोजन किया जाता है।
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महिलाओं को सक्षम और सबल बनाने के उद्देश्य से पूज्या गुरु माँ जी के जन्मोत्सव पर 9 फरवरी, 2024 को महिला उत्थान अभियान का शुभारम्भ किया जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से सम्पूर्ण देश के सभी मण्डलों में शिक्षित, सक्षम और सशक्त महिला अधिकारियों और कार्यकर्ताओं का विश्व जागृति मिशन की केन्द्रीय समिति द्वारा चयन किया जाएगा और ये चयनित महिला अधिकारी व कार्यकर्ता सम्पूर्ण देश में महिला उत्थान के लिए कार्य करेंगी।
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विश्व जागृति मिशन द्वारा पर्यावरण को शुद्ध व सुरक्षित रखने के लिए वृक्षारोपण का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिसके अन्तर्गत आनन्दधाम आश्रम दिल्ली, पानीपत, फरीदाबाद, मनाली एवं विश्व जागृति मिशन के देशभर में फैले अन्य अनेक आश्रमों में वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है।
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