पूज्य महाराजश्री के आशीर्वाद से मिशन ने बालकल्याण योजनाएं चलाकर अनाथ, गरीब कूड़ा बीनने वाले बच्चों के लिए अनाथालय, विद्यालय व गुरुकुल खोले। समाज की मुख्य धारा से अलग-थलग पड़े जहाँ अन्य संस्थाएं जाने से डरती थीं उन नक्सल प्रभावित आदिवासी क्षेत्रें में निःशुल्क पब्लिक स्कूल खोले जहां 700 से अधिक बच्चों को पुस्तकें, यूनिफार्म एवं अल्पाहार के साथ निःशुल्क शिक्षा दी जाती है। जहां तक समाज का प्रेम नहीं पहुंचा वहां आपने प्रेम पहुंचाया। झुग्गी झोपड़ी में रहकर कूड़ा बीनने वाले बालक-बालिकाओं के लिए आपने विद्यालय खोलकर उनकी शिक्षा व रोजगार प्राप्ति के लिए आनन्दधाम कौशल विकास केन्द्र की स्थापना करवाई, जहां बच्चों को शिक्षा के साथ स्कील डैवलेपमेन्ट का प्रशिक्षण प्राप्त कराकर उन्हें नौकरी व स्वरोजगार स्थापित करने के लिये तैयार किया जा रहा है। अनाथ बेसहारा बच्चों के लिये सूरत में विशाल बालाश्रम की स्थापना की। मुरादाबाद में सृजन प्राइमरी स्कूल की स्थापना की। दिल्ली एवं कानपुर में भारतीय संस्कृति के संरक्षण व सम्वर्धन के लिए गुरुकुलों की स्थापना की जहां सैकड़ों विद्यार्थी गुरुकुल में रहते हुए शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं तथा सैकड़ों विद्यार्थियों ने इन गुरुकुलों से शिक्षा संस्कार प्राप्तकर उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हैं।
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अधुनिकता एवं भौतिकता की अन्धी दौड़ में अपनी सांस्कृतिक सम्पदा एवं ज्ञान विज्ञान की प्राचीन विद्याओं को भूल रहे भारतीय समाज में सांस्कृति मूल्यों को सुरक्षित रखने तथा वेद आदि शास्त्रें के दिव्य ज्ञान से मानवता को अलंकृत करने
के उद्देश्य से पूज्य महाराजश्री ने वर्ष 1999 में महर्षि वेदव्यास गुरुकुल विद्यापीठ की स्थापना की।
स्थापना के समय पूज्य महाराजश्री ने कहा ‘‘हमारा उद्देश्य है सम्पूर्ण विश्व में भारत की उज्जवल वैदिक संस्कृति, संस्कारों, सनातन धर्म, हजारों ऋषियों-मुनियों, दार्शनिकों के सद्ज्ञान का प्रचार-प्रसार करना और हम चाहते हैं कि लोग जीवन की दिनचर्या में धर्म का पालन करें।’’ प्रारंभ में इस गुरुकुल में 50 उपदेशक प्रशिक्षित किए गए जो प्रवचन, संकीर्तन, योग, ध्यान-साधना, यज्ञ, पूजा-पाठ, कर्मकाण्ड आदि पुनीत संस्कारों में निष्णात होकर देश विदेश में मिशन द्वारा स्थापित आश्रमों में भारतीय संस्कृति की सुगंध बिखेर रहे हैं।
देव संस्कृति को एक नई दिशा देते हुए मई 2007 में महाराजश्री ने इसे बालगुरुकुल का रूप दिया, जिसमें समाज के सक्षम परिवारों के बच्चों के साथ गरीब, वंचित व आदिवासी परिवारों के बच्चे भी सैद्धान्तिक शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ वेदों, उपनिषदों, वैदिक दर्शन, विभिन्न शास्त्रें, विज्ञान, संस्कृत, गणित, अंग्रेजी भाषा, व्याकरण, सामाजिक अध्ययन एवं कंप्यूटर में ज्ञान अर्जित कर रहे हैं।
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कक्षा 6वीं-8वीं (प्रथमा), 9वीं-10वीं (पूर्व मध्यमा), 11वीं-12वीं (उत्तर मध्यमा), शास्त्री (स्नातक) एवं आचार्य (परास्नातक) तक की शिक्षा प्रदान की जाती है। वर्तमान में कक्षा 6वीं से 8वीं तक की परिक्षाएं डॉ- गोस्वामी गिरधारी लाल प्राच्य विद्याप्रतिष्ठान तथा 9वीं से आचार्य तक की कक्षाओं की परीक्षाएं केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा आयोजित की जाती हैं।
वर्ष 2021 में इस गुरुकुल को भारत में प्रतिष्ठा प्राप्त केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा आचार्य स्तर तक शिक्षा देने की मान्यता दी गई। वर्ष 2023 में इसी विश्वविद्यालय द्वारा गुरुकुल को व्यवसायिक कोर्स जैसे यौगिक विज्ञान, प्राकृतिक चिकित्सा व आहार विज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान एवं कर्मकाण्ड में ऋषिकुमारों को प्रशिक्षण देने की स्वीकृति दी गई।
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ऋषि संस्कृति के विस्तार और भारतीय सनातन धर्म के विशुद्ध स्वरूप को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के उद्देश्य से आनन्दधाम आश्रम में 19 अप्रैल 2019 को महर्षि वेदव्यास उपदेशक महाविद्यालय की स्थापना की गई। स्थापना के समय पूज्य महाराजश्री ने कहा कि एक सच्चा धर्माेपदेशक युग को बदलने की क्षमता रखता है। इस महाविद्यालय में वेद, उपनिषद, गीता, रामायण आदि पवित्र ग्रंथों में पारंगत एवं मनोविज्ञान व इतिहास के मर्मज्ञ उपदेशकों का निर्माण किया जायेगा और ये उपदेशक अच्छे समाज व सांस्कृतिक सम्पदा से समृद्ध राष्ट्र का निर्माण करेंगे। यहां से पढ़कर निकले हुए युवा उपदेशक देश के कोने-कोने व विदेशों में सनातन धर्म और ऋषि संस्कृति का विशुद्ध संदेश जन मानस तक पहुचायेंगे। संस्था द्वारा शीघ्र ही शरू किए जा रहे धर्मशास्त्र शुद्धिकरण अनुसंधान केन्द्र में उपदेशक महाविद्यालय के छात्र प्रशिक्षण के उपरांत धर्मशास्त्र शुद्धि का कार्य भी करेंगे।
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विश्व में योग भारत के ऋषियों की महान देन है। ऋषियों द्वारा दी गई यह योग विद्या जन-जन तक पहुँचे और सभी को स्वास्थ्य लाभ मिले, योग को अपनाकर कोई भी निरोगी न रहे इस उद्देश्य से आनन्दधाम आश्रम, दिल्ली में 21 जून 2022 को योग दिवस के अवसर विश्व जागृति मिशन इन्टरनैशनल योग स्कूल की स्थापना की गई। इस योग स्कूल में योग प्रशिक्षण के साथ केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त बी-एस-सी इन योगिक साइन्स, एम-एस-सी इन योगिक साइन्स, सर्टीफिकेट कोर्स, डिपलोमा कोर्स आदि कराए जाते हैं।
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कानपुर के सिद्धिधाम आश्रम में वर्ष 2018 में स्थापित महर्षि वेदव्यास गुरुकुल विद्यापीठ में अध्ययनरत छात्र योग, यज्ञ, वेदपाठ, अन्तर्राष्ट्रीय योगाभ्यास की अनुपम प्रस्तुति कर्मकाण्ड, व्याकरण आदि में प्रवीणता हासिल कर प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिताओं में मिशन और महाराजश्री का नाम रोशन कर रहे हैं।
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विश्व जागृति मिशन द्वारा राँची के रुक्का ग्राम व खूँट नगर में आधुनिक शिक्षा माध्यम के स्कूल संचालित हैं। वहाँ लगभग 400 आदिवासी छात्र एवं छात्रओं को निःशुल्क शिक्षा, पुस्तकें, लेखन सामग्री, पौष्टिक भोजन और यूनिफार्म इत्यादि प्रदान किए जाते हैं। इन विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र विद्यालय में प्रवेश से पूर्व समाज की मुख्य धारा से भटक चुके थे, उन्हें शिक्षित एवं संस्कारित कर सुयोग्य बनाया जा रहा है। यहां से पढ़कर निकले हुए छात्र देश के विभिन्न सरकारी पदों को सुशोभित करते हुए प्रशासनिक पदों पर भी आसीन हैं।
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विश्व जागृति मिशन ने सूरत में विशाल बालाश्रम की स्थापना की। इस बालाश्रम में बच्चों को पब्लिक स्कूल की शिक्षा देकर श्रेष्ठ मानवीय धारा के अनुसार उनके जीवन का नवनिर्माण हो रहा है। यथार्थ में मिशन के बालाश्रम में अनाथ बच्चों के लिए शिक्षा संस्कार की एक महान क्रान्ति घटित हो रही है। इस बालाश्रम के बच्चों की शिक्षा अब श्रेष्ठतम स्कूल ह्नाईट लोटस में चल रही है। जहां वे प्रतिवर्ष विभिन्न क्षेत्रें, प्रतियोगिताओं में प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्णपदक प्राप्त कर महाराजश्री व मिशन का नाम रोशन कर रहे हैं।
अनाथालय के बच्चों की शिक्षा अभी स्कूल स्तर पर है। जिसमें उन्हें भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठ भावधारा में सुसंस्कारों के साथ कॉनवेण्ट स्कूल की उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा दी जा रही है। मिशन का प्रयास है कि उनकी शिक्षा का यह क्रम कॉलेज और यदि आवश्यकता हुई तो विदेश में अध्ययन कराने एवं उन्हें पूर्णतया आत्मनिर्भर बनाने तक जारी रहेगा।
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फरीदाबाद हरियाणा में कूड़ा बीनने वाले, बाल मजदूरी करने वाले बच्चों के कल्याण के लिए 28 बच्चों को लेकर प्रारम्भ किए गए ज्ञानदीप विद्यालय की छात्र संख्या अब 1200 तक पहुंच गई है। यहाँ से पढ़ रहे बच्चे भारत के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से भी भेंट कर चुके हैं तथा सरकारी नौकरियों में अच्छे पद प्राप्त करने के साथ स्वरोजगार के क्षेत्र में भी अपना परचम लहरा रहे हैं।
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विश्व जागृति मिशन और आनन्दधाम ट्रस्ट द्वारा फरीदाबाद में ‘आनन्दधाम कौशल विकास केन्द्र’ की स्थापना की गयी है, जहां गरीब-जरूरतमंदों को नौकरी एवं स्वरोजगार प्राप्ति के लिये प्रशिक्षण दिया जाता है। ‘आनन्दधाम कौशल विकास केन्द्र’ को ‘राष्ट्रीय कौशल विकास निगम’ (NSDC) के द्वारा 5 स्टार रेटिंग से मान्यता प्राप्त है। इसके साथ-साथ हरियाणा स्टेट कौशल विकास निगम द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। अभी तक इस सेन्टर से 8 बैच निकल चुके हैं और लगभग 700 प्रशिक्षुओं को नौकरी दिलाने का कार्य भी किया गया है और जो प्रशिक्षु अपना स्वयं का कारोबार शुरू करना चाहते थे उन्हें बैंक से लोन दिलवाने में भी आनन्दधाम कौशल विकास केन्द्र द्वारा मदद की गई है।
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