शनि प्रदोष के व्रत पूजन से पाएं भगवान शिव और शनिदेव की कृपा
शनि प्रदोष के व्रत पूजन से पाएं भगवान शिव और शनिदेव की कृपा
भगवान शिव को प्रसन्न करने उनकी कृपा पाने के लिये हर महीने के दोनों पक्षों में आने वाले प्रदोष के व्रत, पूजन, जप, यज्ञ, दान का विशेष महत्व है। प्रदोष की तिथि त्रयोदशी का जब शनिवार के दिन से संयोग होता है तो वह महापुण्यफलदायी योग शनि प्रदोष बन जाता है। इस शनि प्रदोष के व्रत, पूजन, जप, तप, यज्ञ से भगवान शिव और न्याय के देवता शनि दोनों की कृपा-प्रसन्नता उपासक को मिल जाती है। अर्थात् साधक भक्त पर भगवान शिव के साथ शनि की कृपा भी जुड़ जाती है। जहां प्रदोष भगवान शिव की आराधना की विशेष तिथि है वहीं शनिवार शनिदेव का प्रिय दिवस है। इस माह यह संयोग 01 जुलाई, 2023 शनिवार को बन रहा है । इस सुयोग-सुअवसर का लाभ भक्तों को जरूर उठाना चाहिये।
शनि प्रदोष पर आप शिवचालीसा, शिव सहस्त्रनाम पाठ, रुद्राभिषेक, शिव पंचाक्षर मंत्र, महा मृत्यंजय मंत्र जाप स्वयं करें या सुयोग्य ब्राह्मणों से करवाएं। शनि प्रदोष 01 जुलाई, 2023 शनिवार को आनंदधाम आश्रम दिल्ली में पूज्य सद्गुरु श्रीसुधांशुजी महाराज के आशीर्वाद से युगऋषि पूजा-अनुष्ठान केन्द्र द्वारा विशेष पूजा-पाठ, यज्ञ – जप, अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। आप ऑनलाइन यजमान बनकर शनि प्रदोष का पुण्य लाभ प्राप्त करें।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण