बछबारस में महान फलदायी है गोवत्स पूजा

बछबारस में महान फलदायी है गोवत्स पूजा
भाद्रपद के कृष्णपक्ष की द्वादशी को बछबारस का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन गाय के बछड़े की पूजा की जाती है। अगर गाय का बछड़ा न मिले तो मिट्टी का बछड़ा बनाकर भी पूजा जा सकता है। बछबारस में गोवत्व पूजा से भगवान श्रीकृष्ण अति प्रसन्न होते हैं। 24 अगस्त, 2022 बुधवार को बछबारस का त्यौहार है। बुधवार द्वादशी को यह प्रदोष होने से इसे बुध प्रदोष भी कहा जायेगा। प्रदोष व्रत शिव-उपासना का व्रत होता है, जिस प्रकार भगवान विष्णु की उपासना के लिये दोनों पक्षों की एकादशी का व्रत किया जाता है, उसी प्रकार भगवान शिव को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाने के लिये हर महीने के दोनों पक्षों में आने वाले प्रदोष के व्रत, पूजन, जप, यज्ञ, दान का विशेष महत्व है।
प्रदोष की तिथि का जब बुधवार के दिन से संयोग होता है तो वह महापुण्यफलदायी योग बुध प्रदोष बन जाता है। इस बुध प्रदोष के व्रत, पूजन, जप, तप, यज्ञ से भगवान शिव और विष्णु दोनों की कृपा-प्रसन्नता उपासक को मिल जाती है। अर्थात् साधक भक्त पर भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की कृपा भी जुड़ जाती है। बुध प्रदोष के व्रत-पूजन से श्रद्धालु भक्त को सर्व मनोकामना पूर्ति का वरदान मिल जाता है। इस माह यह संयोग 24 अगस्त, 2022 बुधवार को बन रहा है। इस सुयोग-सुअवसर का लाभ भक्तों को अवश्य लेना चाहिये।
बुध प्रदोष 24 अगस्त, 2022 बुधवार को आनंदधाम आश्रम दिल्ली में पूज्य सद्गुरु श्रीसुधांशुजी महाराज के आशीर्वाद से युगऋषि पूजा-अनुष्ठान केन्द्र द्वारा विशेष पूजा-पाठ, यज्ञ-जप, अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। आप ऑनलाइन यजमान बनकर बुध प्रदोष का पुण्य लाभ प्राप्त करें।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण