रक्षाबंधन की पूर्णिमा पर भगवान शिव देते हैं रक्षा का वरदान
रक्षाबंधन की पूर्णिमा पर भगवान शिव देते हैं रक्षा का वरदान
सावन मास की पूर्णिमा को राखी का त्यौहार मनाया जाता है। 19 अगस्त, 2024 सोमवार को रक्षा बंधन का त्यौहार है। रक्षाबंधन का अर्थ है रक्षा के लिये बांधा गया बंधन। इसलिये इस पर्व पर बहन अपनी हर प्रकार से रक्षा के लिये अपने भाई की कलाई में राखी बांधती है। राखी बांधने के बाद भाई अपनी बहन को प्रेम सद्भाव से पैसे व उपहार भेंट करता है और अपनी बहन की सदैव रक्षा करने का बचन देता है । सगे भाई-बहन के अतिरिक्त भावनात्मक रिश्ते वाले लोगों को भी रक्षासूत्र बांधा जाता है। आत्मीयता और स्नेह के बंधन से रिश्तों को मजबूती प्रदान करने वाला यह पर्व जाति, धर्म की सीमाओं से परे है। श्रावण मास में मनाये जाने से इसे श्रावणी पर्व भी कहा जाता है। इस दिन पुरोहित अपने यजमान को भी रक्षासूत्र बांधते हैं। प्राचीन काल में गुरु अपने शिष्य को और शिष्य अपने गुरु को रक्षा सूत्र बांधते थे। भावनात्मक रिश्तों में अपनापन बढ़ाने के साथ इस दिन भगवान की पूजा-कथा करवाने व सुनने का भी विशेष महत्व है। रक्षाबंधन पर्व से सावन का महीना पूर्णता प्राप्त कर लेता है। इस महापर्व पर भगवान शिव का अभिषेक- 5- पूजन महान फलदायी है। इस पर्व पर रुद्राभिषेक करवाने से भगवान शिव अपने भक्तों को रक्षा का वरदान देते हैं।
परमपूज्य सद्गुरु श्रीसुधांशुजी महाराज के आशीर्वाद से आनन्दधाम आश्रम में युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र द्वारा 19 अगस्त, 2024 सोमवार को रक्षाबंधन पूर्णिमा के पूजा-पाठ एवं अनुष्ठान में भाग लेकर शिव कृपा प्राप्ति का यह सुनहरा अवसर है। अनुष्ठान में भाग लेने के लिए शीघ्रातिशीघ्र सम्पर्क करें।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण